जीवन में कभी कभी ऐसे पल आते है जहां पर दूसरा लिया गया फैंसला भी गलत निकल आता है और दूसरे से मतलब की पहला फैंसला तो गलत था है तभी तो व्यक्ति दूसरा फैंसला चुनता है, और अंत में संतुष्टि ढूंढने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। बाकी व्यक्ति की प्रवृत्ति पर निर्भर करता है।
Hello this blog channel belongs to the shayri and poems which connected with life style and more to learn a life style. Thankyou
Subscribe to:
Posts (Atom)
-
एक विचार मात्र, एक परिस्थिति से निपटने के लिए काफ़ी होते है, हालांकि वास्तविक समय पर ऐसा कुछ काम नहीं आता (यह भी तो मात्र एक विच...
-
दरअसल अगर हम किसी राह में किसी राही के साथ चलते है तो उसके साथ पूर्ण रूप से एक राही होने किरदार निभाओ इससे वह व्यक्ति आपके साथ होने वाली दु...
-
एक परिस्थिति के भले बुरे अंजाम का पता उस परिस्थिति के अंत में ही पता चलता है, परंतु एक से एक धुरंधर उस समय में इंतजार नहीं कर पाते भले वे बड...